चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
वहा से पाकिस्तान, यहाँ से पंजाब को तबाह करते हैं,
कुछ बम्ब जम्मू कश्मीर पर भी गिराते है,
और फिर बाकी बच्चे हम ऐश करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
बच्चे हुये पंजाब को मैडल देते हैं,
हमारे राजनेता को नोबेल प्राइस के लिये आवंतीत करते हैं,
अंत भला सब भला कहकर सब भूल जाते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
लेकिन, गरीबी और भुखमरी की चीक पुकार सन रही हैं,
अपने हक़ के लिये आवाज़ उठ रही हैं,
चलो इस समस्या का हल भी नक्सलवाद कहकर करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
सुरक्षा भी एक चिंता हैं, अकेली औरत बाज़ार जाने से डर रही हैं,
हम बहस इज्जत पे नहीं, कपड़ों की तंगदिली पे करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
भ्रष्टाचार भी एक समस्या हैं, हर सरकारी ऑफ़िस मैं इसका कारोबार हैं,
अरे हम तो इसे सेवा की तरह परिभाषित करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
बेरोजगार, दिन पर दिन उम्मीद खो रहा हैं,
रोजगार कही सरकारी फाईलों मैं कही खो जा रहा हैं,
रुको, हम इसके लिये एक नया कमीशन बनाते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
शिक्षा, हम आज भी लकीर के फकीर ही पैदा करते हैं,
जो बस यहाँ से बैठ के बाहर के देशों को सपोर्ट करते हैं,
ना ना, शिक्षा मैं फेरबदल हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
हिंदी मैं क ख ग आता नहीं, इंग्लिश की ग्रामर अभी कच्ची है,
लेकिन हम तो अभी भी संस्कृत को ही शिक्षा का माध्यम कहते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
आम इंसान के चिप्स खाने पे भी हम टैक्स लगाते हैं,
लेकिन उनका क्या जो बैंक का कर्जा लेकर भाग जाते हैं,
ना ना, व्यापारी भी इस देश की रक्षा करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
सब्सीडी अच्छी नहीं देश के विकास मैं,
लेकिन आज भी बड़ी मात्रा मैं व्यपारीयो को टैक्स मैं छुट दिया करते हैं,
ना ना, इस तरह हम रोजगार को नया अवसर देते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
बबुआ बहुत बोलता हैं, हम ज्यादा बोलने पे गोली मार दिया करते हैं,
अब बोला तो हिंदुस्तान में रहते हुये, तुझे पाकिस्तान की नागरिकता दिला देते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
वहा से पाकिस्तान, यहाँ से पंजाब को तबाह करते हैं,
कुछ बम्ब जम्मू कश्मीर पर भी गिराते है,
और फिर बाकी बच्चे हम ऐश करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
बच्चे हुये पंजाब को मैडल देते हैं,
हमारे राजनेता को नोबेल प्राइस के लिये आवंतीत करते हैं,
अंत भला सब भला कहकर सब भूल जाते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
लेकिन, गरीबी और भुखमरी की चीक पुकार सन रही हैं,
अपने हक़ के लिये आवाज़ उठ रही हैं,
चलो इस समस्या का हल भी नक्सलवाद कहकर करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
सुरक्षा भी एक चिंता हैं, अकेली औरत बाज़ार जाने से डर रही हैं,
हम बहस इज्जत पे नहीं, कपड़ों की तंगदिली पे करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
भ्रष्टाचार भी एक समस्या हैं, हर सरकारी ऑफ़िस मैं इसका कारोबार हैं,
अरे हम तो इसे सेवा की तरह परिभाषित करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
बेरोजगार, दिन पर दिन उम्मीद खो रहा हैं,
रोजगार कही सरकारी फाईलों मैं कही खो जा रहा हैं,
रुको, हम इसके लिये एक नया कमीशन बनाते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
शिक्षा, हम आज भी लकीर के फकीर ही पैदा करते हैं,
जो बस यहाँ से बैठ के बाहर के देशों को सपोर्ट करते हैं,
ना ना, शिक्षा मैं फेरबदल हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
हिंदी मैं क ख ग आता नहीं, इंग्लिश की ग्रामर अभी कच्ची है,
लेकिन हम तो अभी भी संस्कृत को ही शिक्षा का माध्यम कहते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
आम इंसान के चिप्स खाने पे भी हम टैक्स लगाते हैं,
लेकिन उनका क्या जो बैंक का कर्जा लेकर भाग जाते हैं,
ना ना, व्यापारी भी इस देश की रक्षा करते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
सब्सीडी अच्छी नहीं देश के विकास मैं,
लेकिन आज भी बड़ी मात्रा मैं व्यपारीयो को टैक्स मैं छुट दिया करते हैं,
ना ना, इस तरह हम रोजगार को नया अवसर देते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
बबुआ बहुत बोलता हैं, हम ज्यादा बोलने पे गोली मार दिया करते हैं,
अब बोला तो हिंदुस्तान में रहते हुये, तुझे पाकिस्तान की नागरिकता दिला देते हैं,
चलो पाकिस्तान से लड़ाई करते हैं,
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