पंजाब, राज्य चुनाव में नशा आज मुद्दा नहीं हैं, यहाँ चुनाव एक जश्न हैं और जश्न में नशा तो मौजूद होगा ही.



पंजाब, कहा जाता हैं की इसका नाम पंजाब की धरती से होकर गुजरने वाले पानी के पांच दरिया से पड़ा हैं जिनका नाम  रावी, चिनाब, सतलुज, व्यास और  झेलम हैं. लेकिन, पंजाब में आज एक और दरिया मौजूद हैं जिसका नाम हैं नशा”, इसमें शराब, चिटा अर्थात ब्राउन शुगर, अफीम, भूकी, मैडिकल दवाई, कैप्सूल, गोली, इत्यादि बहुत तेजी से, इसमें बह रहे हैं, ये आज पंजाब के हर घर, पडोस, गाव, रिश्तेदार, कॉलेज, कैनटीन, मैडिकल स्टोर और तो और किराना की दुकानों से होकर भी गुजर रहा हैं, इसकी मौजूदगी हर जगह हैं. में व्यक्तिगत रूप से किसी भी प्रकार का नशा नहीं करता और ना ही इसे किसी भी प्रकार से प्रोत्साहित करता हु, लेकिन ये पंजाब में, मेरे जीवन पर बुरी तरह से हावी हैं मसलन सुरक्षा, शिक्षा, परिवार, इत्यादि, इसके दर्द को कही नजदीक से देखा हैं जो की कही भी किसी भी सरकारी आकड़े में बयान नहीं हैं. लेकिन, बहुत निराश करने वाली जमीनी हकीकत ये भी हैं, की ये आज कही भी नशा एक चुनावी बड़ा मुद्दा नहीं हैं, कोई भी चुनावी पार्टी इसे गंभीरता से नहीं ले रही, ना ही किसी अख़बार में, इसके खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई का कही भी जीकर हैं. पंजाब में चुनाव मतलब जश्न और इस जश्न में भी नशा मौजूद हैं. लेकिन, जमीनी स्तर पर ये कितना गंभीर हैं, उसका अवलोकन करना बहुत जरूरी हैं.

मेरे साथ ये हर बार होता हैं, जब भी भटिंडा, बरनाला, निहाल सिंह वाला, बिलास पुर, मोगा, इत्यादि बस अड्डो पर होता हु, तो यहाँ आप से एक युवक आकर बिनती करेगा की उसका बटुआ किसी ने चोरी कर लिया हैं और उसके पास घर जाने के पैसे नहीं हैं, मांग भी कुछ ५०-६० रुपये से ज्यादा की नहीं होगी, अगर आप उसे ये जवाब दे की चलो में बस की टिकट कटवा देता हु, तो बहाना ये होगा की उसे एक से  ज्यादा बस बदल कर घर जाना हैं. उसके, कपड़ों से ये अंदाजा लगाया जा सकता हैं, की ये किसी संस्कारी परिवार से हैं. में ज्यादा बहस नहीं करता और ५०-६० रुपये अक्सर दे देता हु, मेरा व्यक्तिगत ये मानना हैं शायद ये ५०-६० रुपये से में, आज किसी अपराध को रोक सकू, यहाँ नशे की तलब, ये इतनी भयंकर होती हैं की इसके एक डोस के लिये किसी भी तरह का अपराध कोई मायने नहीं रखता. पर मेरी चिंता ये हैं की हर बार मुझे एक नया चेहरा मिलता हैं, एक नया नोजवान जिसकी जिंदगी और जवानी इस नशे ने खत्म कर दी होती हैं. अब ये, इतना गंभीर हो चूका हैं की जो औरत इससे असुरक्षित समझती थी, वह भी इसकी चपेट में आ चुकी हैं, ये आंकड़ा कही गंभीर हो सकता हैं.. इस विडियो के माध्यम से आप इस समस्या को ज्यादा करीब होकर समझ सकते हैं.

मेरे गाव में, एक परिवार हैं जिसकी प्रतिष्ठा, मान समान और सत्कार पूरे गाव में हैं, बहुताय परिवार कनाडा के वन्कोवर में हैं और जो यहाँ हैं वह आर्थिक रूप से कही ज्यादा सक्षम हैं, इनका एक बेटा जिसका रिश्ता कनाडा की एक लड़की से तय हो चुका था और आगे की जिंदगी अपनी नींव रख चुकी थी, वह अपने कॉलेज की पड़ाई के दौरान, नशे की चपेट में आ गया, आज इस नशे के कारण, कभी कही से इन्हें खोज के लाया जाता हैं और कही किसी अपराध में इनकी मौजूदगी की आशंका लगाई जाती हैं, अब, जीवन अँधेरा ही हैं, लेकिन इसका क़सूर वार कोन ?

व्यक्तिगत रूप से, एक रिश्ते से जुड़ा हुआ हु, यहाँ घर का इकलौता बेटा, जो की शादीशुदा हैं और दो जवान बच्चो का पिता हैं, नशे, की फिरकी में हैं, यहाँ में नाम नहीं लिख रहा, अगर लिखूंगा तो ये एक घर के हालात बयान करेंगे लेकिन पंजाब में, हर घर की यही कहानी हैं. यहाँ नशे ने इस जवानी को इस तरह अपनी फिरकी में लपेट दिया की, आज ये पूरा परिवार, सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक रूप से, हर तरफ से निराश हैं, यहाँ दादा जिनकी उम्र आज ६५ साल के आस पास की होगी, वही हैं जो आर्थिक रूप से परिवार की जवाबदेही उठा रहे हैं, परिवार आर्थिक रूप से संपन होने से, बच्चो की पड़ाई एक नामी स्कूल से तो हो रही हैं, लेकिन बेटा जी ने, अपनी पत्नी के कुछ गहने बेच दिये हैं, सारी एफडी खाली कर दी हैं, आज जब माँ-बाप ने पैसे देने से मना कर दिया तो, एक आर्थिक रूप से संपन घर का बेटा रात को कही पहरेदारी की नौकरी करकेअपने नशे का जुगाड़ चला रहा हैं. आये, दिन घर में लड़ाई क्लेश होते रहते हैं, अब, इसका प्रभाव, बच्चो पर क्या पड़ेगा ? आने वाली पींडी किस संताप से गुजरेगी ? ये लिखने की जरूरत नहीं हैं.

कुछ सरकारी आकड़े यहाँ देना जरूरी हैं, जो की इस बात का प्रमाण हैं की समाज के इस दुःख का राज्य या देश की सरकार , भली भाती अवगत हैं लेकिन ईमानदारी से इसके खिलाफ हो रही कोशिश जमीनी स्तर से गायब हैं.

१.         इस रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब में कुल २.५+ लाख लोग नशे की चपेट में हैं, जमीनी स्तर कितना भयंकर होगा, इसका आप अंदाजा लगा सकते हैं, जब सरकार ये आकड़े जमा कर सकती हैं तो उस सोर्स को भी पकड़ सकती हैं, जहाँ से नशा समाज में दाखिल होता है.
२.         इसी रिपोर्ट  के मुताबिक, २.५+ लाख में से ७६%  नोजवान हैं.  मतलब, जिस राज्य की जवानी ही खत्म कर दी गयी हैं, वहा हालात कितने बदतर हो सकते हैं ?
३.         लेकिन एक अंदाजे  के मुताबिक १० में से ४ राज्य के नागरिक, नशे की चपेट में हैं.
४.         इस रिपोर्ट  के मुताबिक, प्रति व्यक्ति सालाना, १२ शराब की बोतल पंजाब में खपत होती हैं, इस प्रति व्यक्ति में घर की औरत, बुजुर्ग, बच्चे भी शामिल हैं जो शराब अमूमन नहीं पीते, तो आप अंदाजा लगा सकते हैं की घर का नोजवान कितनी शराब पिता होगा. और यहाँ, घर में निकाल कर पी जाती, देशी शराब का कही भी जीकर नहीं हैं.
५.         इस रिपोर्ट  के मुताबिक पंजाब राज्य में कुल १३०००+ स्कूल हैं लेकिन १२०००+ के आस पास, शराब की दुकान हैं. ऐसे भी गाव हैं जहा स्कूल बहुत दयनीय स्थिति में हैं लेकिन शराब की दुकान की चमक एक अलग ही नजारा पेश करती हैं.


आखिर, में, पंजाब अपनी पंजाबी गायकी के कारण भी जाना जाता हैं और अक्सर समाज को आइने की तरह देख कर ही, अक्सर गीत लिखे और गायें जाते हैं, यहाँ इस गीत को आप से शेयर करता हु जो फिल्म उड़ता पंजाब में कही कही १-२ लाइन में ही मौजूद हैं लेकिन यहाँ आप इसे पूरा सुनने के साथ साथ देख भी सकते हैं, यहाँ चिटा का मतलब ब्राउन शुगर हैं. 


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