ट्वीटर हैक नही हो सकता हां आपका पासवर्ड ज़रुर चोरी किया जा सकता है. #हवाबदलीसीहै #हरबंस #जनाब #harbans



पिछले दिनों खबर आयी की श्री राहुल गांधी का  ट्विटर अकाउंट को किसी अज्ञात ने हैक कर लिया हैं और कुछ अभद्र भाषा में नये ट्वीट भी श्री राहुल गांधी जी के नाम से पोस्ट कर दिये हैं. कुछ इसी तरह चंद रोज पहले अन.डी.टी.वी. के रिपोर्टर रविश कुमार और उनके वरिष्ट सहयोगी बरखा दत्त के साथ भी हुआ जब इन दोनों के ट्विटर अकाउंट के साथ साथ इनके ईमेल भी हैक कर लिये गये. ये तीनों व्यक्ति लोकतंत्र का दो महत्वपूर्ण स्तंभ राजनीतिक दल और मीडिया से जुड़े होने के कारण इनके हैक हुये अकाउंट पर रसा-कशी तो होनी ही थी, कुछ लोग इनके साथ खड़े दिख रहे थे और कई इन पर कटाक्ष कर रहे थे और सोशल मीडिया पर ये कटाक्ष अति व्यक्तिगत विशेष भी हो रहे थे. अब लाजमी हैं जैसे आजकल हो रहा हैं, इस पूरे मसले को एक राजनीतिक बहस की रुपरेखा दे दी गयी  और दूर खड़ा हमारा नागरिक इस बहस में ही उलझ कर रह गया. कही भी इस बात पर चर्चा नही हो रही थी की हैकिंग कैसे होती हैं और इसे कैसे एक समान्य नागरिक रोक सकता हैं. इस तरह की जानकारी अति महत्वपूर्ण और आवश्यक हैं खास कर जब अक्टूबर में ऐसा सुनने में आया की हजारों की संख्या में बैंक धारकों के डेबिट कार्ड हैक कर लिये गये हैं.

अगर आप कुछ सामान्य सुरक्षा के उपाय भी करे तभी इस तरह के हैकिंग को रोका जा सकता हैं. मसलन, आज नेट बैंकिंग, सोशल मीडिया, इत्यादि की एप्प मोबाइल फोन पर उपलब्ध हैं तो अपने मोबाइल फोन को पासवर्ड से या किसी और माध्यम से लॉक करके रखे. याद रखे, इस तरह की एप्प हमेशा इसमें इस्तेमाल होने वाल डाटा को अपने में संग्रह कर लेती हैं ताकि जब यूजर दूसरी बार लॉग इन करे तो उसे फिर से लॉग इन के बारे में ना पुछा जाये. और ये कार्य गर भी हैं खासकर जब इंटरनेट की स्पीड स्लो हो तो ये सिर्फ उतना ही डाटा एक्सचेंज करती है अपने सरवर से जितना की अप डेट के लीये  जरूरी हो. लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से ये अति आवश्यक हैं की अपनी नेट बैंकिंग की एप्प और ऐसी दूसरी एप्पस को इस्तेमाल करने के बाद हमेशा इसमें लॉगआउट हो जाये और सेटिंग मे जाकर इसका डाटा भी डिलीट कर दे. अमूमन इस तरह की एप्प अपने में संग्रह किया हुआ डाटा दूसरी एप्प से एक्सचेंज नही करती है लेकिन तभी ये जरूरी है की जब भी आप नयी एप्प को अपने मोबाइल फ़ोन पर पंजीकृत (install) करे तो उस समय आप इसके बारे मे पूरी जाँच पड़ताल कर ले मसलन प्ले स्टोर पे आपको इसकी रेटिंग के साथ साथ और भी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है खास कर इसके साथ दुसरे यूजरस की कमेंट भी होती है जो इस एप्प को इस्तेमाल कर रहे हैं. पंजीकृत के समय ये एप्प आप से उन सभी सूचनाओं की आप से आज्ञा लेगी जिसे ये अपने कार्यक्षेत्र में इस्तेमाल करना चाहती हो मसलन आपके फ़ोन नंबर, फोटो, इत्यादि. अगर जरूरी ना हो हो तो इस तरह के आज्ञा ना दे. और उन्हीं एप्प को पंजीकृत करे जो आप के लिये जरूरी हो. इससे आपके फ़ोन पर ज्यादा लोड भी नही पड़ता और इसकी कार्यसमता बड़ जाती हैं इसी के साथ किसी भी प्रकार की हैकिंग का भी डर कम हो जाता है.

अब जभी आप एटीएम पर जाये तो कुछ चीजों की ज़रुर जांच पड़ताल कर ले, मसलन एटीएम का कैमरा आप के चेहरे की विपरीत दिशा में होगा जहा से आप स्क्रीन पर या किबोअर्ड से क्या टाइप कर रहे हैं इसकी रिकार्डिंग नही हो सकती. जहाँ आप एटीएम कार्ड डाल रहे हैं वहा जाँच कर ले की किसी भी प्रकार का डिवाइस तो नही लगा जो  आपके कार्ड को स्कैन कर सकता हो. आखरी बात, जब भी आप अपना पिन नंबर टाइप करे उसे दूसरे हाथ से ढक ले ता की अगर कोई चोर कैमरा लगा भी हैं तो उसकी रिकॉर्डिंग में ये ना आ सके. अमूमन उसी एटीएम का इस्तेमाल करे जहाँ बैंक ने गार्ड को लगा रखा हैं और थोड़ी बहुत भीड़ लगी रहती हैं. किसी भी शंकास्पद एटीएम का इस्तेमाल ना करे.अब ये और बात है की आज के दोर मे अगर एटीएम मे पैसा है तो लाइन लगी है अन्यथा यहाँ गार्ड भी शटर बंद कर आराम कर रहा होता है.

अब अगर बात करनी हो ट्विटर अकाउंट के हैक होने तो ये दो संवाद को पैदा करता हैं की ट्विटर अकाउंट यानिके ट्वीटर हैक हुआ हैं ? या धोखे से पासवर्ड को चुरा लिया गया हैं ? अगर ट्विटर की बात करे तो ये एक इस तरह का सिस्टम हैं जिसे आज करोड़ो लोग इस्तेमाल करते है इनमें अमूमन हर क्षेत्र की अति विशेष व्यक्ति भी हैं जो संवाद के जरिये एक आम नागरिक से रुबरु होते हैं. अगर आप किसी नयी जगह से ट्वीटर पर लॉग इन होते हैं तो ये तुरंत आपके इमेल पर इसकी जानकारी देता हैं. ट्वीटर का डाटा https के माध्यम से क्लाइंट और सरवर के बीच में एक्सचेंज होता हैं इसके जरिये डाटा एक प्लेन फ़ौर्मैट में ना रहकर एक तरह से कोड भाषा में रूपांतरित होकर भेजा जाता हैं. यानी के कही बीच में अगर इसका डाटा कोई चोरी भी कर ले तभी इसे समझना मुश्किल हो जाता हैं. उसी तरह से इसका पासवर्ड भी कही किसी अल्गोरिथम के माध्यम से कोड भाषा के जरिये डेटाबेस में सेव किया होगा. तो ट्विटर का हैक होना तो संभव नही लगता लेकिन पासवर्ड चोरी होने की यहाँ संभावना बन जाती हैं. भारत जैसे देश में जहाँ सभी आम और खास व्यक्ति एक ही तरह का औपरेटिंग सिस्टम यानिके विंडोज ही इस्तेमाल करते हैं. इसे हैक करना एक हैकर के लिये आसान हैं अगर इसकी तुलना किसी और औपरेटिंग सिस्टम यानिके लिनक्स या यूनिक्स से की जाये. लेकिन आम तोर पर इंटरनेट ब्राउज करते समय कई वेब साइट्स आप के सिस्टम में ऐसी .exe फाइल सेव कर देती हैं जो हैकिंग के लिये इस्तेमाल की जाती हो. इस तरह की .exe ऐप्लीकेशन, आप कीबोर्ड पर क्या टाइप कर रहे हैं इसकी जानकारी आपको बिना बताये चोरी से किसी और के साथ साँझा कर सकती हैं. इसीसे बचने का उदाहरण हैं की सारी बैंक साइट्स नैट बैंकिंग के लिये वर्चुअल कीबोर्ड देती हैं जहाँ आप माउस से अक्षर पर क्लिक कर उसे टाइप कर सकते हैं. तो कुछ इसी तरह जभी किसी अति आवश्यक साईट पर लॉग इन करे तो पासवर्ड से ज्यादा लिखे और बाद मे इसमें से कुछ अक्षरों को मिटा दे मसलन अगर पासवर्ड हैं abc१२३ तो टाइप करे axybfgc0451672893 और बाद मे सिर्फ abc१२३ को रखे और बाकी सारी अक्षरों को मिटा दे. और ब्राउज़र को बंद करते समय इसकी हिस्ट्री पूरी तरह से डिलीट कर दे. लेकिन इससे भी अति आवश्यक हैं की समय समय पर अपने कंप्यूटर में वायरस स्कैन करते रहे और किसी भी .exe फाइल को पंजीकृत ना करने दे.


अब जब हम एक कैशलेस से होते हुये डिजिटल कैश की और बड़ रहे हैं जहाँ हर प्रकार के लेनदेन को कही ना कही किसी मोबाइल एप्प के जरिये या नैट बैंकिंग के माध्यम से होने की बात कही जा रही हैं, तो ऐसे माहौल में हमारी डिजिटल सुरक्षा अति आवयश्क बन जाती हैं. और किसी भी प्रकार की खामी से हमें हजारों की चपत कुछ ही पल में लग सकती हैं. तो वहा इस तरह के किसी भी प्रकार की एप्प को इस्तेमाल करने से पहले आप अपनी सुरक्षा के माध्यम से ज़रुर चोकने हो जाये. और इस तरह की नये माध्यम को देखा देखी मे इस्तेमाल ना करे.बल्कि हर प्रकार के सुरक्षा के मापदंड को ज़रुर परख ले और तभी डिजिटल की और कदम बड़ाये अन्यथा तब तक नकदी में ही अपना लेन देन करे. जय हिंद.

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