सभी यही कहते है, भारत कहा बदला है, हमने सिर्फ वजीर तो बदला है, #हवाबदलीसीहै #हरबंस #जनाब #harbans



नजीब दूर खड़ा हो कर, कह रहा है,

७० साल की आज़ादी मे हमने सिर्फ वजीर तो बदला है, आज भी लाल किले से सफेद रंग का नेता ही तिरंगा लहराता है,

हमने सिर्फ वजीर तो बदला है,

अम्मी के आशु देख, मन विद्रोह की तरफ चल रहा है, लेकिन हमारा देश इसे आंतकवाद कह देता है,

लड़ाई तो इस व्यवस्था से है, जिसके खिलाफ आज भी गलियों मे, भगत सिंह नारे लगाता, दिखाई देता है,

सदियों से बस युही चलता है, हमने सिर्फ वजीर तो बदला है,

आज नजीब है, कल नरेश होगा, परसों नवदीप होगा, अगर पूछोगे कहा है मेरा बेटा, तो इसे कुछ सुनाई नही देता है,

सडक पर उत्तर भी आये, तो चेहरे कम होगे जो नारा लगायेगे, लेकिन सामने हाथ मे डंडा लेकर, अंग्रेज दिखाई देता है,

सुनवाई कहा है, अदालत मे केस वर्षो चलता है, हमने सिर्फ वजीर तो बदला है,

आज आशु जमीन पर गिर रहे है, माँ की सिसकियो से पत्थर भी पिगल रहे है, लेकिन मीडिया का कैमरा देखने से मना कर देता है,

रोष क्यों जनता मे पैदा नहीं हो रहा, नोटबंदी के जुमले से आज हर कोई है रो रहा, लेकिन यही कैमरा नकली को असली दिखाकर बदल देता है,

अम्मी, बस ये नजीब को ना तस्वीरों मे केद करता है, हमने सिर्फ वजीर तो बदला है,

तिरछी टोपी, गोल टोपी, पगड़ी, ये सारे नेता जज्बातों से २०-२० का क्रिकेट मैच खेल रहे है, दूर खडा, नजीब इन्हे दिखाई भी देता है,

उसे नजर अंदाज कर के ये नोटबंदी पर जुमले कस रहे है, कुछ गिर रहे है, कुछ उठ रहे है, नजीब दूर खड़ा पुकार देता है,

अम्मी, ये सभी यही कहते है, भारत कहा बदला है, हमने सिर्फ वजीर तो बदला है,

हरबंश, हमने सिर्फ वजीर तो बदला है, सिर्फ वजीर तो बदला है,




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